Saturday, 4 November 2017

भारत की एक ऐसी जेल, जहां सज़ा का अनुभव पाने से पहले देने पड़ते हैं पैसे

भारत की एक ऐसी जेल, जहां सज़ा का अनुभव पाने से पहले देने पड़ते हैं पैसे 
जब भी हम जेल का नाम सुनते हैं तो डर जाते हैं,  क्योंकि हम में से कोई भी किसी भी हालत में जेल जाना कभी पसंद नहीं करेगा। परन्तु क्या आप जानते हैं कि जिस देश में हम रह रहे हैं वहाँ एक ऐसी जेल भी है, जहां केवल पैसे देकर ही आप कैदी बन सकते हैं।

हेरिटेज जेल म्यूजियम का प्रवेश द्वार

हेरिटेज जेल म्यूजियम का प्रवेश द्वार
हम बात कर रहे हैं तेलंगाना की सांगारेड्डी जेल की जो 220 साल पुरानी जेल है और अब जेल म्यूजियम में परिवर्तित कर दी गई है। महज़ 500 रूपए देकर आप इस जेल में एक दिन के लिए कैदी के जीवन का अनुभव कर सकते हैं। 

नहीं मिलेंगी कोई भी सुविधाएं 

नहीं मिलेंगी कोई भी सुविधाएं 
यहाँ प्रवेश करते ही आपसे आपकी सारी चीज़ें जैसे कि फ़ोन, पर्स इत्यादि ले लिए जाएंगे और आपको एक कैदी की तरह 1 जोड़ी कपडे, 1 कम्बल, गिलास और थाली दी जाएगी। आपको कैदियों की ही तरह फ़र्श पर सोना होगा और उन्हीं की तरह सादा भोजन यानि कि "दाल–भात" ही खाना होगा। 

सांगारेड्डी जेल में कैदी के जीवन का अनुभव करता व्यक्ति 

सांगारेड्डी जेल में कैदी के जीवन का अनुभव करता व्यक्ति 
कैदियों के जीवन के अनुभव की इच्छा को लेकर जो भी यहाँ आते हैं, उन्हें जेल के नियमों के अनुसार सुबह 5 बजे उठा दिया जाता है। अपना सेल साफ़ करने के पश्चात सुबह 6.30 बजे चाय और 7.30 बजे नाश्ता दिया जाता है। इसके बाद 10.30 से 11 बजे के बीच दोपहर का खाना और शाम के 5.30 बजे तक रात का खाना दे दिया जाता है। 

महिलाओं के लिए भी है एक कक्ष 

महिलाओं के लिए भी है एक कक्ष 
इस जेल में 8 कक्ष आदमियों के लिए हैं, वहीं महिलाओं के लिए केवल 1 ही कक्ष है। इसके अतिरिक्त रसोई, मैस हॉल, डिस्पेंसरी व अधीक्षक का कक्ष भी इस जेल में सम्मिलित है।

कैदियों के विभिन्न कक्ष

कैदियों के विभिन्न कक्ष
यदि आप यहाँ जाते हैं तो शाम 5 बजे आपको जेल में बंद कर दिया जाएगा और रात के समय आप किसी भी अन्य व्यक्ति को नहीं देख पाएंगे। 

3 एकड़ में फैला सांगारेड्डी जेल म्यूजियम

3 एकड़ में फैला सांगारेड्डी जेल म्यूजियम
हालांकि मेहमान कैदियों के लिए यहाँ कोई कार्य सारिणी नहीं है, लेकिन आपको अपना सेल स्वयं ही साफ़ करना होगा। 

बेहद पुराना है इस जेल का इतिहास 

बेहद पुराना है इस जेल का इतिहास 
अब यदि इस जेल के निर्माण के बारे में बात करें तो यह हमारे देश के इतिहास का बहुत बड़ा हिस्सा है जो सन् 1796 में निज़ाम की हुकूमत के समय बनवाई गई थी। 

सन् 2012 में इसे म्यूजियम में परिवर्तित कर दिया गया

सन् 2012 में इसे म्यूजियम में परिवर्तित कर दिया गया
अब 216 साल पश्चात, सन् 2012 में यानि की आज से 5 वर्ष पहले इस जेल को म्यूजियम में परिवर्तित कर दिया गया था। आप चाहें तो इस जेल में म्यूजियम का आनंद भी ले सकते हैं। 

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