Saturday, 4 November 2017

दो बच्चों की माँ ने बनाया एवरेस्ट फतह का नया रिकॉर्ड, जज्बा देख आप भी करेंगे सलाम

दो बच्चों की माँ ने बनाया एवरेस्ट फतह का नया रिकॉर्ड, जज्बा देख आप भी करेंगे सलाम     
"रख हौंसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा। 
थक कर ना बैठ ए मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा।।"
दिन की शुरुआत ही अगर इतनी जबरदस्त शायरी के साथ हो तो पूरा दिन बिल्कुल सकारात्मकता के साथ गुजरता है। हालांकि ऐसी पॉजिटिविटी आपको दिन के किसी भी समय पर मिले, वो उसके बाद के लम्हों को बेहतर ही बनाती है। वैसे आज हमारे पास इन पंक्तियों से भी ज्यादा प्रेरणादायक बात है। जी हां। हमारे पास एक ऐसी कहानी है, जो आपको एक नई ऊर्जा से भर देगी। 
अभी कल ही की तो बात है। मैं अपने काम निपटाकर थोड़ी खबरें चेक कर रही थी। तभी मेरी नजर अरुणाचल प्रदेश की पर्वतारोही अंशु जामसेनपा की स्टोरी पर पड़ी। दरअसल अंशु ने 17 मई यानि मंगलवार को माउंट एवरेस्ट की चौथी चढ़ाई पूरी कर ली। इस चढ़ाई के साथ ही वो ऐसा कीर्तिमान रचने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही बन गई है। 
आप जरा सोचिए एक बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करना ही कितना मुश्किल है। मगर अंशु ने अपने जज्बे और हौंसले के बूते चार बार ऐसा कर दिखाया है। और तो और अंशु अभी रुकना नहीं चाहती। वो इससे आगे भी कई रिकार्ड्स बनाना चाहती हैं। 
तो आइए, अंशु के इस सफर पर एक नजर डालते हैं।

सुबह 9 बजे अपने नाम किया खिताब 

सुबह 9 बजे अपने नाम किया खिताब 
आपको अंशु के चेहरे पर बेशक थकान नजर आ रही होगी। मगर इसमें एवरेस्ट फतह करने की चमक भी शामिल है। आप खुद ही देख लीजिए। इतनी ऊंची चोटी पर तिरंगा देखकर गर्व की अनुभूति होती है। अंशु ने अपनी चढ़ाई 13 मई को देर रात 1.45 पर शुरू की थी जो कि 17 मई को सुबह 9 बजे पूरी हुई।

यह वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अंशु के नाम 

यह वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अंशु के नाम 
37 वर्षीय अंशु एक ही सीजन में दो बार एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली दुनिया की पहली महिला हैं। इतना ही नहीं यह चढ़ाई उन्होनें महज 10 दिनों के अंतराल में पूरी की थी। 

दलाई लामा ने दिया आशीर्वाद 

दलाई लामा ने दिया आशीर्वाद 
इसी साल 2 अप्रैल 2017 को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अंशु को असम के गुवाहाटी से दोहरी चढ़ाई के लिए हरी झंडी दिखाई थी। 

2013 में भी किया था एवेरस्ट फतह 

2013 में भी किया था एवेरस्ट फतह 
2011 में दोहरी चढ़ाई करने के बाद अंशु ने 18 मई 2013 को अपनी तीसरी चढ़ाई की थी। एक इंटरव्यू में अंशु ने बताया था कि 2013 की चढ़ाई के बाद वो कुछ वक्त के लिए अवसाद से घिर गई थीं।  

टूर ऑपरेटर हैं पति 

टूर ऑपरेटर हैं पति 
अंशु जामसेनपा की निजी जिंदगी की बात करें तो उनके पति टेसरिंग वेंग पश्चिम कामेंग जिले स्थित बोमडिला में टूर ऑपरेटर के अलावा स्काई ड्राइवर और पर्वतारोही के तौर पर भी जाने जाते हैं। 

दो प्यारी सी बेटियां 

दो प्यारी सी बेटियां 
अंशु की दो बेटियां हैं। एक 13 साल की और दूसरी 11 साल की। यह दोनों बच्चियां एडवेंचर्स स्पोर्ट्स में रुचि रखती हैं। छोटी बेटी मां के ही नक्शे कदम पर चलने की ख्वाहिश रखती हैं। 

अंशु के नाम पर बनी है डॉक्यूमेंट्री 

अंशु के नाम पर बनी है डॉक्यूमेंट्री 
अंशु की जिंदगी पर "ANSHU-Everest Calling" नाम की एक डॉक्यूमेंट्री भी बनी है। इसकी स्क्रीनिंग दिसंबर 2016 में की गई थी। 

अगले रिकॉर्ड पर नजर 

अगले रिकॉर्ड पर नजर 
जैसा कि हम पहले ही बता चुके है कि यह 'दोहरी चढ़ाई अभियान' है। ऐसे में अंशु इसी सीजन में एक बार फिर चढ़ाई करके एक नया रिकॉर्ड कायम करने की तमन्ना रखती हैं। उनके मैनेजर का कहना है कि वो बिल्कुल स्वस्थ हैं। दूसरी बार भी चढ़ाई की कोशिश जरूर करेंगी। 
हमें भी उम्मीद है कि देश की बेटी अंशु जामसेनपा जल्द ही नया रिकॉर्ड अपने नाम करें। हमारी दुआएं उनके साथ हैं। All The BestAnshu Jamsenpa. 

No comments:

Post a Comment